इश्क़ दिलों में
इश्क़ दिलों में पलता किस्मत होती है
क़ायम है सदियों से हैरत होती है
रहता है क़ायम ये रिश्ता सदियों तक
रफ़्ता-रफ़्ता जहाँ मोहब्बत होती है
आभासी दुनिया है आभासी मन्ज़र
फिर भी मेरे दिल को राहत होती है
ये तो करम ख़ुदा का है इन्सानों पर
हर पल सब पर उसकी रहमत होती है
ख़ुश हो जाता सज़दे से मेरा मौला
ख़ुद आ जाता जहाँ इबादत होती है
सच्चाई से मुंह मत मोड़ो ऐ 'आनन्द'
दिल की उल्फ़त दिल की ज़ीनत होती है
डॉ आनन्द किशोर
दिल्ली
kapil sharma
27-Jan-2021 01:00 PM
Good line DR saab
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علما
19-Jan-2021 01:56 PM
boohut he achchi poetry sir
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Natash
19-Jan-2021 09:24 AM
best line .. 👍
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